ज़िंदगी है नादान इसलिए चुप हूँ,
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ
कह दूँ ज़माने से दास्ताँ अपनी
उसमे आयेगा तेरा नाम इसलिए छुप हूँ !
Zindagi hai naadan isliye chup hoon,
Dard hi dard subah shaam isliye chup hoon
Keh du zamaane se daastan apni
Usme ayega tera naam isliye chup hoon !
~Author Unknown
[SOURCE :: Rajeev]
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